नरवाना में बिना परमिट की दौड़ रही बसों पर नहीं लग पा रही लगाम
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान):-
नरवाना में हर दिन अलग-अलग रूटों पर बिना परमिट की बसें सड़कोंं पर दौड़ती हुई नजर आती हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस बात से अनजान बने हुए हैं। जिस कारण रोडवेज विभाग को हर महीने लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नरवाना से समैण, किठाना, सुलहेड़ा, काकड़ौद, धनौरी आदि रूटों पर बिना परमिट की 14 बसें चल रही हैं। इन रूटों पर बसें चलने के कारण रोडवेज बसों को सवारियां नहीं मिल पाती और उनको आधी खाली बस लेकर ही रवाना होना पड़ता है। बिना परमिट की चल रही बसों के संचालकों द्वारा विद्यार्थियों व बुजुर्गों से दुव्र्यवहार की शिकायत पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी कोई मनमानी नहीं रूकती। मंगलवार को जींद के अतिरिक्त सचिव प्रादेशिक परिवहन जिले सिंह यादव की जब नरवाना बस स्टंैड के बाहर पहुंचने की खबर मिली, तो बिना प्राइवेट बस संचालक बसों को इधर-उधर करते नजर आये। लेकिन सचिव ने नरवाना से समैण और नरवाना से किठाना रूट पर चलने वाली 2 बिना परमिट की बसों का चालान कर इपाउंड कर दिया। फिर भी कई रूटों पर चल रही बिना परमिट की बसें रूकती नजर नहीं आ रही हैैं। बता दें कि नरवाना से समैण रूट पर चलने वाली बस का 5 बार चालान हो चुका है और वहीं नरवाना-किठाना रूट की बस का 3 बार हो चुका है। रोडवेज कर्मचारियों में प्रशासनिक अधिकारियों के कारण हो रहे विभाग का घाटा होने के कारण रोष है।
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हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रैस प्रवक्ता रामनिवास खरकबूरा ने कहा कि कर्मचारी समय-समय पर बिना परमिट की चल रही बसों के बारें में अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन फिर भी धड़ल्ले से बसें दौड़ रही हैं। इन बस संचालकों द्वारा विद्यार्थियों व बुजुर्गों से दुव्र्यवहार करने की शिकायत आती है। अगर जल्द ही बिना परमिट की बसें बंद नहीं हुई, तो विभाग का घाटा बढ़ता चला जायेगा।